‘अपना दल’ में अब ‘अपना मोर्चा’ एक्टिव – पारिवारिक डीलिंग एक्सपोज!

आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)
आशीष शर्मा (ऋषि भारद्वाज)

लखनऊ के प्रेस क्लब में 1 जुलाई को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘अपना मोर्चा’ का बिगुल बजा। संयोजक चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने एक-एक शब्द ऐसा फेंका कि सत्ता के गलियारों में गूंज उठी – “अब सब्र का प्याला छलक चुका है, और पति-पत्नी की दुकान बंद होनी चाहिए।”

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साफ-साफ कहा गया, “कुर्मी लीडरशिप की जगह पति-पत्नी की डीलरशिप चल रही है।”

“अपना दल नहीं, मियाँ-बीवी प्राइवेट लिमिटेड”

कहने को तो ये पार्टी डॉ. सोनेलाल पटेल की विरासत थी, पर अब आरोपों के मुताबिक यह बन चुकी है – ‘पटेल फैमिली फूड एंड पॉलिटिक्स यूनिट’, जिसमें कुर्मी समाज सिर्फ “वोट बैंक” और पति-पत्नी केवल “कैशियर”।

जहाँ बाकी दल वर्कशॉप करते हैं, यहां पारिवारिक झगड़े की वर्कशिट चलाई जाती है।

“बुनियाद हमने रखी, दीवारों पर नाम और फोटो इनके!”

‘अपना मोर्चा’ ने कहा कि संस्थापक कार्यकर्ता, विधायक, जिला प्रभारी, सभी को किनारे करके सिर्फ दो चेहरों का ब्रांडिंग किया गया – एक मंत्री जी और दूसरा मंत्री जी के पति जी

बलिहारी पटेल की जयंती नहीं मनने दी, और फिर भी दावा किया जाता है कि “हम समाज की राजनीति कर रहे हैं।” अब मोर्चे का सवाल – “समाज कौन सा? WhatsApp ग्रुप वाला?”

“नेताओं की लाइन लगी थी, टिकटों की लाइन हटा दी गई”

मोर्चे ने आरोप लगाया कि 2022 में जानबूझकर उन सीटों की मांग की गई, जहां कुर्मी कैंडिडेट खड़े ही न हो पाएं। इसका तात्पर्य साफ – “कुर्मी वोट तो चाहिए, लेकिन कुर्मी नेता नहीं!”

विधायक जैकी को राज्य मंत्री बनाकर रखा गया, मगर बिना Wi-Fi, बिना बैटरी, बिना पासवर्ड। यानी, मंत्री तो बना दिए पर Google Maps भी चालू न था।

“अध्यक्ष पति हैं, और पार्टी पत्नी! बाकियों को सिर्फ ‘क्लैपिंग मशीन’ बनाकर रखा गया”

दल में डेमोक्रेसी की जगह ‘गृहस्थी’ मॉडल चल रहा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि कैसे हर मीटिंग में राजनीतिक चर्चा कम और घरेलू कलह ज्यादा होती थी
काम न हो, तो “पति जी व्यस्त हैं”; गलती हो जाए, तो “पति जी जिम्मेदार हैं”; और जब सब बिगड़ जाए, तो “बेचारी अनुप्रिया जी”

“एनडीए से नाता कायम है, लेकिन बायोपिक रिव्यू के बाद फैसला होगा”

मोर्चा ने साफ किया कि वे अभी एनडीए में हैं, मगर यह “रिलेशनशिप ऑन होल्ड” है। बीजेपी से अपेक्षा की गई कि “कुर्मी समाज को सिर्फ वोट मशीन ना समझा जाए।” और सीट बंटवारे में सिर्फ वफादारी का नहीं, ईमानदारी का भी हिसाब हो।

“कुर्मी समाज का 2027 का प्लॉट तैयार, अब नायक चाहिए, नौटंकी नहीं”

मोर्चा की घोषणा – “हम जाएंगे गांव-गांव, पूछेंगे सवाल, बताएंगे जवाब, और लाएंगे कुर्मी नेतृत्व की वापसी।”
उनका विजन साफ है – “अब कुर्मी समाज सिर्फ ‘ट्रैक्टर चलाने वाला’ नहीं, मुख्यमंत्री बनाने वाला भी बनेगा।”

2 जुलाई की बैठक – कुर्मी भवन में समाज की बैठक, सत्ता की स्क्रिप्ट तैयार

लखनऊ के फरीदी नगर स्थित कुर्मी क्षत्रिय भवन में 2 जुलाई को होगी अगली बैठक।
एजेंडा:

  • कुर्मी समाज का जनसंवाद

  • कार्यकर्ताओं की सूचीबद्ध वापसी

  • सोशल मीडिया पर “#सवालपूछो_सचजानो” अभियान की शुरुआत

सच बोले तो ट्रोल करवा दिया, चुप रहो तो गद्दार बना दिया!

प्रेस कांफ्रेंस में यह भी खुलासा हुआ कि सोशल मीडिया पर फेक IDs बनवाकर कुर्मी नेताओं को ट्रोल करवाया गया। कई ईमानदार कार्यकर्ता सिर्फ इसलिए निकाले गए क्योंकि उन्होंने “क्यों?” पूछ लिया था।

कुर्मी पत्रकारों और सामाजिक संगठनों में “एमएलसी बनने का सपना” देकर फूट डलवाई गई।

दल नहीं, आंदोलन चलेगा – और मुखौटे उतार दिए जाएंगे

मोर्चे का साफ ऐलान – “अब राजनीति में चेहरे नहीं, चरित्र चलेगा!” और कुर्मी समाज को वो मुकाम दिलाया जाएगा जिसका सपना डॉ. सोनेलाल पटेल ने देखा था।

अब जब कुर्मी समाज की राजनीति “मोर्चा बनाम मियाँ-बीवी” की शक्ल ले चुकी है, तो सियासी माहौल गर्म है। देखना दिलचस्प होगा – “क्या बीजेपी मोर्चा के इस विद्रोह को संभाल पाएगी या एक और सहयोगी उसकी सियासी थाली से निकल जाएगा?”

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कौन-कौन शामिल हुआ मोर्चे में?

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे:

  • धर्मराज पटेल (अपना दल बलिहारी के अध्यक्ष)

  • हेमंत चौधरी (राष्ट्रीय जनसरदार पार्टी अध्यक्ष)

  • अरविंद सिंह पटेल (पूर्वांचल विकास बोर्ड सदस्य)

  • केदारनाथ सचान (पूर्व राष्ट्रीय सचिव, अपना दल सोनेलाल)

  • बच्चा सिंह पटेल (अपना दल यूनाइटेड अध्यक्ष)

  • पटेल महेंद्र सिंह (किसान नवजवान संघ अध्यक्ष)

कुर्मी नेतृत्व नहीं, डीलरशिप चाहिए इन्हें: संयोजक का तंज

चौधरी ब्रजेंद्र पटेल ने आरोप लगाया कि:

  • अनुप्रिया पटेल ने दल को “पति-पत्नी प्राइवेट लिमिटेड” बना दिया है।

  • कार्यकर्ताओं और बुजुर्ग नेताओं का अपमान आम बात हो गई है।

  • कुर्मी समाज के नेताओं को जानबूझकर किनारे किया गया।

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